पाँच हजार मइनसे मन ल खाना खवाना

यीसु हर परचार करे बर अऊ कई अलगे- अलगे नगर म लोग मन सिखाय बर अपन चेला मन ल भेजीस| फेर चेला मन लहुट के जऊन कुछु ओमन करे रहिन, ओला यीसु ल बता दीन| यीसु हर डोंगा म चढ़ के उहाँ ले कोनो सुन्ना जगह म, एकान्त म जाय बर ओमन ल नेवता दीस| त ओमन एक ठन डोंगा म बैईठ के अऊ झील के दुसर तरफ चल दीन |

बहुत अकन लोग मन यीसु अऊ ओकर चेला मन ल डोंगा म देखिन अऊ जम्मो नगर ले जुरिया के उहाँ रेंगत गीन अऊ ओमन ले आघु हबर  गीन| जब यीसु अऊ ओकर चेला मन उहाँ हबरिन त लोग मन के एक अब्बड़ अकन भीड़ ह आघु ले ओमन के उहाँ रसदा अगोरत रहिन |

भीड़ म पांच हजार मइनसे रहिन, जेमा माइलोग अऊ लईका मन के गिनती नइ रहिस | यीसु हर लोग मन के अब्बड़ भीड़ देखिस अऊ ओमन के ऊपर तरस खाइस| काबर कि ओमन ओ मेढ़ा-पीला के जइसन दिखत रहिन जेमन के कोनो रखवार नी रहयं| अऊ ओहा ओमन ल बहुत अकन बात ल सीखोइस, अऊ जऊन लोगमन चंगा होना चाहत रहिन ओमन चंगा करिस|

जब दिन ह बहुत ढल गीस, त ओकर चेला मन ओकर पास आके कहे लागिन, “इहां देरी हो गे हवय अऊ कोनो नगर ह भी लकठा म नइ ये| ओमन ल विदा कर कि ओमन अपन मन बर कुछू खाय बर ख़रीद लिहीं|” 

परन्तु यीसु हर चेला मन से कहिस, “तुमन ही ओमन ल खाय बर देवा |” ओकर चेला मन यीसु ल कहिन “इसने हमन कैसे कर सकत हन?” हमन के पास केवल पांच ठन रोटी अऊ नान-नान दु ठन मछली हवय |” 

तब यीसु हर अपन चेला मन ल कहिस कि जम्मो लोग मन ल हरियर चारा म पचास के समूह म बैठा देवव |

यीसु हर ओ पांच ठन रोटी अऊ दु ठन मछली ल लीस, अऊ सरग अंगत देखिस, अऊ भोजन बर परमेसर के धन्यवाद करिस |

यीसु हर रोटी अऊ मछली टोर-टोर के चेलामन ल दीस कि ओमन लोगमन म परोस देवयं | चेलामन रोटी अऊ मछली ल सब झन म बांट दीन, अऊ रोटी अऊ मछली ह नइ खंगीस | रोटी अऊ मछली खाके सब झन के पेट हर भर गीस |

 सारा भोजन केवल पाँँच रोटियों और दो मछलियों से आया था | जऊन भोजन बांचे रहिस ओला चेला मन बटोर के बारह टोकरी म उठाइन | जम्मो भोजन हर केवल पांच ठन रोटी अऊ दु ठन मछली के दूवारा आय रहिस |

 

ये बाइबिल के कहानी से लेय गय हावय :- मती 14 : 13-21 , मरकुस 6 : 31-41 , लूका 9 : 10-17 , यूहन्ना 6 : 5-15