यीसु के जनम
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मरियम के मंगनी, यूसुफ नाम के एक धरमी पुरुष के संग होइस | जब यूसुफ लये बात के आरो होइस कि मरियम आसरा म हावय,अऊ जऊन ह ओकर गरभ हावय ओहा ओकर लइका नोहय, ऐकरसेती यूसुफ, जऊन हर धरमी रहिस अऊ ओला बदनाम करना नइ चाहत रहिस ओला चुपे-चुप छोड़ देय के विचार करिस | जब ओहा ये बात ल सोचत रहिस त परभू के सरगदूत हर ओला सपना म दिखउ दीस |
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सरगदूत हर ओकर से कहिस “हे युसुफ! तै अपन पत्नी मरियम ल इहां लाने से मत डरा, काबर कि जऊन ह ओकर गरभ म हे, ओहा पबितर आतमा के ओर से हे | ओहा पुत्र जन्माही अऊ तैं ओकर नाम ल यीसु रख बे (जेकर नाम के अरथ हे, ‘यहोवा ह बचाथे’ ) कबर कि ओहा अपन लोग मन ल ओमन के पाप ले उद्धार करही |
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यूसुफ हर मरियम से बिहा करके अउ अपन पत्नी ल अपन इहाँ ले आइस, अउ जब तक ल ओहा पुत्र ल नी जनमाइस तब तक ओहर ओकर पास म नइ गीस |
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जब मरियम के लइका जन्माय के दिन हर पूरा होईस, रोमन साम्राज्य हर कहिस कि जम्मो लोग मन अपन नाव ल लिखवाय बर अपन-अपन नगर म जावय | एकरसेती यूसुफ अउ मरियम मन भी एक अब्बड़ धुरिया के यात्रा पूरा करके नासरत गीन |काबर कि यूसुफ हर दाऊद के परिवार अउ वंश के रहिस| गलील के नासरत नगर ले यहूदिया में दाऊद के नगर बैतलहम गीस |
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जब ओमन बैतलहम म पंहुचि, ट ओमन बर उहाँ रहे बर जगह नइ रहिस | ओमन ल केवल ओ जगह मिलिस जीहाँ जानवर म रहत रहीन | ओ बालक के जनम उहें होईस, जीहाँ जानवर मन बांधे जावत रहिन, अउ ओकर दाई बर उहाँ कोनो खटिया नइ रहिस | ओमन ओकर नाव यीशु राखीन |
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अउ ओ देस म कतेक झन गड़रिया मन रहिन, जउन मन रथिया बेरा म मैदान म रहके अपन-अपन झुण्ड के रखवारी राखत रहिन | अचानक, एक सरगदूत हर ओमन ल दिखाई दीस, ट ओमन बहुते डर गीन | त सरगदूत हर ओमन कहिस, “झन डरावा काबर कि देखव मै हर तुमन ल बड़े आनन्द के सुसमाचार सुनात हं, कि आज बैतलहम नगर म तुमन बर एक उद्धारकर्ता जनमे हवय, अउ ओही ह मसीह प्रभु ये |”
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अउ एकर पता तुमन बर ऐसे होही कि तुमन एक लइका ल कपड़ा म लिपटे हुए अउ कोटना म पड़े हुए पाहा |” तब एकाएक सरगददूत मन के एक दल हर परमेसर के स्तुति करत हुए अउ ये कहत हुए दिखाई दीस, “ आकास म परमेसर के महिमा धरती म ओ मनुष्य मन म जेकर मन से ओहर प्रसन्न हे, सांती हो |”
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त गड़रिया मन बैतलहम गीन जीहाँ यीसु के जनम होय रहिस, अउ ओमन तुरते जाकर मरियम अउ यूसुफ ल, अउ कोटना म ओ लइका ल पड़े हुए देखिन, ओमन ओ सब ल वोइसनेच पाइन जइसने सरगददूत मन ओमन से कहे रहिन | ओमन बहुत उत्साहित रहिन | अउ मरियम हर भी बहुत आनन्दित रहिस | अउ गड़रिया मन ल जइसने कहे गय रहिस वोइसनेच ही सब सुनके अउ देख के परमेसर के महिमा अउ स्तुति करत हुए लहुट गीन |
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कुछ समय बाद म ज्योतिसि मन पूरब म एक तारा देखिन | एकर दुवारा ओमन जानिन कि, यहूदी मन के नया राजा उत्पन्न होइस हवय | अउ ओमन एक लम्बा दुरिहा के यात्रा पूरा करके ओ राजा ल देखे बर गीन | ओमन बैतलहम गीन, अउ ओ घर म पहुंच गीन जीहाँ यीसु अउ ओकर माता पिता मन रहत रहिन |
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ओमन ओ घर म पहुँच के ओ लइका ल ओकर माता मरियम के संग देखिन , अउ ओमन डंडा सरन गिर के लइका ल परनाम करिन |ओमन यीसु ल बहुमूल्य उपहार दीन |तहां ले ओमन लहुट गीन |
बाइबिल की कहानी म : मत्ती 1; लूका 2